Thoughts Of Dec. 2022

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लेखक और लेखक के संबंध में :-सही गलत दों हैं और वास्तविकता एक मात्रता का नाम, इसका मतलब हैं जहाँ सही और गलत हों सकता हैं वहाँ भृम या सत्य की ओर इशारे हों सकतें हैं.. सत्य नहीं! और जहाँ न सही हैं और न ही गलत वहीं का यानी वही हैं सत्य..!सही अर्थों के अभिव्यक्ति कर्ता की सबसें बड़ी प्राथमिकता/धर्म होता हैं ईमानदारी या सत्यनिष्ठा यानी कि जिसें वह व्यक्त कर रहा हैं उसमें यथावत्ता अर्थात् उसकी वास्तविकता की प्रगटता अतः अभिव्यक्ति में यथावत्ता की समाविष्टि हैं कि नहीं इससें या इस कसौटी से किसी भी पाठक को अभिव्यक्ति