कहानी का भाग 11 इस वक्त विष्णु और शंकर बेवजह की एक आफत में फंस चुके थे जिसमें इन दोनों के फंसने का कोई इरादा नहीं था, जंगल में चुड़ैल जो एक हफ्ते के लिए जागी हुई थी अब यह दोनों ही जंगल में फर्स्ट चुके थे,, शंकर बंजारन की बात सुनकर,' क्या कहा, क्या तुम्हें हमारी शक्ल ऐसी नजर आ रही है कि हम तुम्हारे साथ कुछ गलत कर सकते हैं", बंजारन ,जो शंकर और विष्णु के बीच में बैठी हुई थी," "क्या पता ,, इतनी काली रात ,जंगल का यह सुहावना मौसम, और ऊपर से मुझ जैसी खूबसूरत