सोई तकदीर की मलिकाएँ - 35

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  सोई तकदीर की मलिकाएँ    35 सुभाष को जैसे ही अपने गाँव की गली दिखाई दी , उसके सुस्त ढीले पङ गये कदमों में गति आ गय़ी । तेज तेज चलते हुए वह गली के मुहाने पर आ पहुँचा । गली में इस समय कोई नहीं था । गाँव के बच्चे या तो आंगनवाङी और स्कूल गये होंगे या गाय भैंसों को जोहङ पर नहलाने के साथ साथ खुद भी पानी में गोते लगा रहे होंगे । पुरुष सब खेतों में होंगे या हाट बाजार करने फरीदकोट गये होंगे और औरतें चूल्हा चौका समेटने , कपङे धोने या अनाज