तड़प इश्क की - 33

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आगे...........वैदेही हैरानी से इधर उधर देखते हुए कहती हैं...." यहां तो कोई नहीं है जिसे आपकी सहायता चाहिए , , ..."माणिक मुस्कुराते हुए कहता है...." आप नहीं समझेंगी , चलिए आपको वृषपूर छोड़ देते हैं...."वैदेही उसे शकी नजरों से देखती हुई कहती हैं...." क्या यही जंगलों में वृषपूर राज्य है....?..."माणिक हंसते हुए कहता है..…" नहीं , हम आपको यहां जंगलों में नहीं छोड़ेंगे , आप हमारा हाथ पकड़ लिजिए..."वैदेही मुंह बनाते हुए उसे देखने लगती है , जिसे देखकर माणिक उसकी तरफ और आकर्षित हो रहा था , , अपनी नजरों को उसके चेहरे पर से हटाते हुए कहता है....."