महायोगी गुरु गोरखनाथ

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गोरखनाथ महायोगी थे, उन्होंने आत्मा में शिवैक्य सिद्ध किया। जिस प्रकार दर्शन के क्षेत्र में व्यास के बाद आचार्य शंकर ने वेदांत का रहस्य समझाया उसी प्रकार योग के क्षेत्र में पतंजलि के बाद गोरखनाथ ने हठयोग और सत्य के शिवरूप का बोध सिद्ध किया। निस्संदेह गोरखनाथ बहुत बड़े योगानुभवी और सिद्ध महात्मा थे, शंकराचार्य के बाद भारतभूमि पर उतरने वाले महात्माओ में गोरखनाथ बड़े सिद्ध पुरुष और आत्मज्ञानी स्वीकार किये जा सकते है। गोरखनाथ शिवयोगी थे। नेपाल से सिंहल और कामरूप से पंजाब तक के विशाल भूमिखंड को उन्होंने अपनी अपूर्व योग-साधना से प्रभावित किया। उन्होंने शिव प्रवर्तित योगमार्ग