महावीर काव्य कुसुम-डा. महावीर प्रसाद चंसौलिया

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परम्पराओं को खगालती महावीर काव्य कुसुम, रामगोपाल भावुक डा. महावीर प्रसाद चंसौलिया जी की कुछ क्ृतियां महावीर ज्योतिष दोहावली, और रामचरितमानस में नई दृष्टि पर मैंने अपनी बात रखी थी। महावीर ज्योतिष के दोहे तो महाकवि भड्डरी की याद दिला रहे थे और रामचरितमानस में नई दृष्टि मानस प्रसगों कों नई दृष्टि से देखने की दृष्टि दे रहे थे। महावीर काव्य कुसुम के प्रथम भाग में प्रदूषित नदियों की स्थिति का वर्णन नदियों के प्रति हमारे दायित्व की याद दिला रहा हैं आपकी फेस बुक की रचनाओें तथा आपके काव्य संकलनों की रचनाओं पर जिस जिस रचना पर दृष्टि पड़ी