नफरत का चाबुक प्रेम की पोशाक - 6

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काका के बारे में बताते हुए काकी गर्व से कहती - "बड़े लोगों में उठना - बैठना था तुम्हारे काका का। अच्छी नौकरी करते थे और इतने खूबसूरत थे कि जोधपुर में हर कोई उनसे अपनी बेटी का निकाह करवाना चाहता। मेरी जेठानी का तो लाडला देवर था तुम्हारा काका। अपनी भाभी की कोई बात नहीं टालते थे ये और भाभी भी इन पर जान हाजिर कर देती। इसीलिए वो हर हाल में अपनी बहन से तुम्हारे काका का निकाह करवाना चाहती थी.... ।’’ कहते-कहते काकी वहीं अटक जाती इस पर हम लड़कियां बोल पडती... ‘‘पर हमारे काका का दिल