एक रूह की आत्मकथा - 29

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दिलावर सिंह ने प्रथम के गाल पर जोर का एक तमाचा जड़ दिया और उसे एक तरफ़ ढकेलते हुए बाशरूम का दरवाजा खोल दिया।बाशरूम के एक कोने में उकडू बैठे नग्न युवक को देखकर उनकी हँसी छूट गई।वे देर तक हँसते रहे।उनके साथी भी हँस रहे थे।प्रथम शर्म से पानी -पानी हुआ जा रहा था। दिलावर सिंह ने मुश्किल से हँसी रोकी और प्रथम की ओर मुखातिब हुए। "तो यह है तुम्हारी गर्ल या फिर ब्वॉयफ्रेंड...।" "जी, तो इसमें गलत क्या है?ये मेरी अपनी आजादी है।मैं कोई गलत काम नहीं कर रहा।हमारा कानून भी दो युवाओं को स्वेच्छा से सम्बन्ध