[ नीलम कुलश्रेष्ठ ] मानना पड़ जायेगा जागृति के इस दौर को, दूरदर्शन के विज्ञापन में भी एक नन्हा बच्चा ऐतहासिक इमारत पर नाम खोदते उस टूरिस्ट को डांट पिला देता है कि ये हमारी विरासत हैं इन्हें ख़राब करने का किसी को हक़ नहीं है -नुक्कड़ की चाय की दुकान पर बैठा वह इंटर पास साधु चाय सुडकते हुए सोचता है, फिर अख़बार उठाकर पड़ता है है कि 'हेरिटेज वीक '. आने वाला है. वह व उसके तीनों साथी एक गाँव के पुराने मंदिर में रह रहे थे पता नहीं उन गाँव वालों को कैसे खबर लग गई कि