---- जिंदगी एक फिल्म ---- जिंदगी किसी फिल्म से कम है क्या , किस मोड़ पर क्या होगा पता नहीं , अगर कुछ मिला नहीं इक क्षण पर कुछ घटा नहीं , मोड़ भी जिंदगी में रास्तों से ज़्यादा है , दुख चाहे कितने हों हसते रहने का खुद से वादा है , किरदार खुद का हो तो नकल करने से क्या , जिंदगी तुम्हारी है कहने दो लोगों का क्या , ये एक ही है इसका कोई रीमेक नहीं , जिंदगी मिली है तो जिओ, काटो इसे ये कोई केक नहीं , ऐसी फिल्म है जिंदगी जिसमें कोई ब्रेक