" मीरा तुझे आने की क्या जरूरत थी ? यहां सब है तो सही मेरा ख्याल रखने के लिए..." " नही संजू.. तू आजकल ठीक से अपना ख्याल नही रख रही है.. अब में तेरे लिए नही आऊंगी तो फिर कोन आयेगा...? " " मीरा तू अनिरुद्ध के जैसे क्यों बात कर रही है ? तू जानती है ना में लापरवाह नही हु.." " हा पर फिर भी और ये मत भूल ये मेरा होने वाला ससुराल भी है .. में जब चाहे यहां रुक सकती हु..." मीरा ने हस्ते हुए कहा..." हा बेटा तुम जब चाहे यहां हमारे साथ