अक्स बरक्स

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लघुकथा- अक्स बरक्स********************"अरे शीलू क्या कर रही है घर पर, तू बोर नहीं होती, आ बैठते हैं बात करते हैं ! मैं तो पूरा दिन घर पर बोर ही हो जाती हूँ!" फोन पर रमीला ने शीलू से कहा।शीलू ने प्रतिउत्तर में कहा, " नहीं यार ! घर पर कोई कैसे बोर हो सकता है ! खोजो तो घर में दिनभर कोई न कोई काम निकल ही आता है।""अच्छा ! खाने बनाने, कपड़े धोने और सोने के अलावा तेरे पास काम ही क्या है?" रमीला ने मुँह बनाते हुए आगे कहा, "बाकी कामों के लिए तो तूने मेड रखी हुई