Part - 2 बॉलीवुड के भूले बिसरे संगीतकार और उनके गाने 2 3 . खेमचंद प्रकाश 1940 के दशक तक हिंदी फिल्मों के गानों में शास्त्रीय गायन की झलक स्पष्ट होती थी . खेमचंद ने अपने पिता गोवर्धन दास की अगुवाई में जयपुर के माधो सिंह द्वितीय के दरबार में संगीत और नृत्य की शिक्षा ली . इस दशक में जहाँ एक तरफ लोगों ने कुंदन लाल सहगल को पर्दे पर गाते देखा वहीँ दूसरी ओर लता मंगेशकर के पर्दे के पीछे के गानों ने पार्श्व गायन का सिलसिला आरम्भ कर धूम मचाया . 1949 की फिल्म ‘महल