तस्वीर दिल्ली के एक साधारण टैक्सी चालक देवेन्द्र की है.देवेन्द्र मूलतः बिहार के रहने वाले हैं। एक दिन देबेन्द्र की टैक्सी में काश्मीर का निवासी बैठा जिसे एयरपोर्ट से पहाड़गंज तक जाना था। देवेन्द्र ने उसको पहाड़गंज छोड़ा, अपना किराया वसूला और वापिस टैक्सी स्टैंड की ओर चल पड़े। इसी बीच उनकी नज़र गाड़ी में पड़े एक बैग पर गयी। बैग को देखकर देवेंद्र समझ गए कि यह उसी सवारी का बैग है, जिसे कुछ ही समय पहले वह पहाड़गंज छोड़ कर आये हैं। बैग को खोलकर देखा तो उसमें कुछ स्वर्ण आभूषण, एक एप्पल का लैपटॉप, एक कैमरा और