बहुत करीब मंजिल - भाग 12 - अंतिम भाग

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नन्नू का इस तरह दादी के कमरे में जाकर तारा को बुलाना माँ-पिताजी और चंदा की धकड़ने बढ़ा रहा था। वो एक-दूसरे को प्रश्नवाचक दृष्टि से देख रहे थे कि क्या जवाब दें नन्नू को, कहाँ है इसकी तारा जीजी? चंदा की कलेजा धक-धक कर रहा था तभी। पिताजी ने आँखों ही आँखों में तारा की माँ और चंदा को आश्वस्त किया कि - "मै जाता हूँ तारा को ढूंढ़ने" और चंदा ने कहा - "मैं उसकी सहेलियों के यहाँ पता करती हूँ।" उधर दादी के कमरे में नन्नू ने झुंझलाते हुए कहा- ‘‘जीजी सुनती नहीं है क्या ? ऐसे