इश्क़ ए बिस्मिल - 55

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मोम मुझे यकीन नहीं हो रहा है... बाबा ऐसा कैसे कर सकते है?... मुझे याद नहीं की उन्होंने मुझे कभी इतनी सारी शॉपिंग कराई हो...”सोनिया को अरीज की शॉपिंग बैग्स देख कर ही सदमा लग गया था। वह गरदन में उस वक़्त चहल कदमी करते हुए अपने मोबाइल फोन से फेसबुक चला रही थी जब ज़मान खान की गाड़ी मैन गेट से अंदर आई थी। उसने पहले तो ध्यान नहीं दिया, कार गार्डेन के बीच बनी पक्की राहदारी से होते हुए कार पोर्च की तरफ़ बढ़ रही थी, जब उसकी नज़र कार की पिछली सीट पर बैठी अरीज पर गई