अतीत के पन्ने - भाग 29

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आलोक ने कहा हां, और क्या क्यों घर जाकर फिर से बनायेंगे?जतिन ने कहा हां,आदत हो गई है आपको पता है काव्या ने मुझे खाना बनाना सिखाया था उसकी जैसी गुरु और दोस्त मुझे कभी नहीं मिल पाया खुद को मैं बहुत भाग्यशाली मानता हु।आलोक ने कहा यह तो आपका बड़प्पन है।जतिन ने कहा हां पर साथ निभाने का जब समय आया तो काव्या चली गई उम्र ही क्या थी!आलोक ने कहा हां, सही कह रहे हैं ये अफसोस हमेशा रहेगा कि वो अकेली ही चली गई।आलेख ने कहा हां पर मैं भी तो चला गया था उनको छोड़ कर।पिया