किस्सा तीसरे बूढ़े का जिसके साथ एक खच्चर था तीसरे बूढ़े ने कहना शुरू किया : 'हे दैत्य सम्राट, यह खच्चर मेरी पत्नी है। मैं व्यापारी था। एक बार मैं व्यापार के लिए परदेश गया। जब मैं एक वर्ष बाद घर लौटकर आया तो मैंने देखा कि मेरी पत्नी एक हब्शी गुलाम के पास बैठी हास-विलास और प्रेमालाप कर रही है। यह देखकर मुझे अत्यंत आश्चर्य और क्रोध हुआ और मैंने चाहा कि उन दोनों को दंड दूँ। तभी मेरी पत्नी एक पात्र में जल ले आई और उस पर एक मंत्र फूँक कर उसने मुझ पर अभिमंत्रित जल छिड़क