तुम दूर चले जाना - भाग 1

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आवश्यक सूचना- इस उपन्यास में स्थानों के नाम तो वास्तविक हैं पर इसकी कहानी और पात्र नितांत काल्पनिक हैं. ____________________________________ प्रथम परिच्छेद *** 'भीख माँगनेवाले की झोली में कोई दया और सहानुभूति के साथ दो पैसे डालता है, तो कोई उसमें छेद भी कर देता है- आपकी खुशियां यदि मेरे मिट जाने में ही सुरक्षित रह सकती हैं, तो फिर अब वही होगा, जो आपने चाहा है- मगर इतना अवश्य ही कहूँगा की चोट मारने के पश्चात तड़पनेवाले का दर्द नहीं पूछा जाता है किरण जी ! केवल उसके झुलसे और तबाह हुए अरमानों की लाश देखकर स्वयं को झूठी