उस व्यक्ति का घर में इस तरह आ जाना तारा के पिताजी को बिल्कुल अच्छा नहीं लगा फिर भी उन्होंने कुर्सी की तरफ इशारा करते हुए कैलाश से कहा - ‘ बैठिए।’’कैलाश को पिताजी से बात करते देख तारा चुपचाप ऊपर अपने कमरे में चली गई। कैलाश ने बैठने के लिए मना करते हुए बिना इधर-उधर की बात किए बड़े आत्मविश्वास से सीधे-सीधे पिताजी से कहा - ‘‘आपकी बेटी तारा बहुत गुणी है, मैं इसे पसंद करता हूँ और इससे शादी करना चाहता हूँ।’’ कैलाश की बात सुनकर पिताजी के तो जैसे पैरों के नीचे से जमीन ही खिसक गई