ममता की परीक्षा - 111

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दरबान की बातें सुनकर रमा ने बनावटी दुःख जाहिर किया लेकिन वकील और उसके परिवार की खबर से वास्तव में उन्हें असीम संतोष की अनुभूति हो रही थी। कार की तरफ आते हुए उनका चेहरा खुशी से दमक रहा था। दूर से ही देखकर रमा के चेहरे पर छाई संतोष की परत का साधना ने अहसास कर लिया था। क्या हुआ होगा, इसी बात का अंदाजा लगाने का वह प्रयास कर रही थी। वीरान पड़ी कोठी देखकर जूही का सहम जाना और फिर रमा का कार से उतरकर कोठी के लोगों के बारे में पता लगाने की वजह तलाशते हुए