रात कितनी शांत औऱ रहस्यमयी सी होतीं हैं ?मानो काले घने अंधेरे में न जानें कितने ही राज छुपाए हुए हों ! या यूँ कहूँ की की अंधेरों को समेटे हुए यह रात एक सबक दे रहीं हो कि फिक्र न कर उम्मीद क़ायम रख , आशा की किरण लिए एक नई सुबह आएगी औऱ गम के काले घनघोर बादल छट जाएंगे ! आज मेरी आँखों में नींद का कतरा लेश मात्र भी न था। नींद आती भी तो कैसे ? मम्मी - पापा को तो मैंने समझा दिया था पर ख़ुद को कैसे समझाती ? काश हम ख़ुद को