आज मैं आप सभी से वो बात शेयर करना चाहता हूं जिसे मैंने आज तक किसी को भी नहीं बताई, कभी कभी मेरे शरीर में अजीब सी हरकतें होने लगती ये सब तब शुरू हुआ जब मुझे लगा मेरे शरीर में अकेला नहीं हूं मेरे साथ कोई और भी है..... बोर्ड परीक्षाएं जैसे ही खत्म हुई मैंने अपना बैग बिस्तर पर फैंक दिया और बाइक उठाकर मैदान में पहुंच गया, वहां मेरे दोस्त पहले से ही मेरा इंतजार कर रहे थे। मैं अपना बैट घुमाते हुए उनके पास गया तो उसमें से मेरा एक दोस्त अमर बोला "आखिरकार आज पीछा