आज मेरा जन्मदिवस (अक्टूबर - 2)

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आज मेरा जन्मदिवस है | 2 अक्टूबर , हाँ ! आज के विचार रूपी विचित्र पुष्प इसी पौधे से गिरे है , विचित्र ही कहेंगे इसेजो गंधहीन कटीले होने के बावजूद पुष्प की संज्ञा से परिभाषित हैं | यह नामकरण वास्तविकताकी स्वीकारोक्ति रूपी हवन कुण्ड से निकला है |आज विचार रुपी घोड़े बधाई रुपी दाने पाकर टहल कदमी पर उतरे तो पाया |कितने सहृदयी है जो अपना जन्मदिवस मनाते है , ऐसे हीलोग औरो मे प्राण फूँक जाते है,कितने साहसी होते है | हाँ साहसही है , मिटती रेखाओं पर पुष्प खिलाना |या शायद अंतिम समय का विस्मरण !जो भी