“हंटर,” उसी दिन बाद में नील ने फोन पर कहा। उसने पूरा दिन नर्मदा के साथ उसी घर में बिताया था पर उसने एक बार भी उसकी आँखों में नही देखा था। एक गहरी जलन महसूस होती थी उसको अपने सीने में जब भी वोह उसकी सवाल पूछती आँखो में देखता था। “हे, इट्स जोए।” एक जानी पहचानी आवाज़ उसे अपने कान में फोन पर दूसरी साइड से सुनाई पड़ी। “जोए, क्या काम है?““तुम ठीक हो?“ उस आदमी की आवाज़ सॉफ्ट थी जो की नील को उस इंसान को याद दिला रहा था जिस इंसान ने उसे परिवार का एहसास