आज के शिक्षित समाज की यह विचार धारा बढ़ रही है की पढ़ाई पूरी होने के बाद अच्छी आमदनी होने लगे तब जा कर लड़के और लड़की के ब्याह के विषय में सोचा जाता है।वैसे यह आवश्यक भी है की विवाह उपरांत जीवन चलाने के लिए धन होना अनिवार्य है। यहां धन की अपेक्षा संसाधन होना अधिक इच्छनीय है। आज के समय में संसाधन प्राप्त करने के लिए भी धन की ही अवश्यकता रहती है। स्त्री से धन संसाधन की अपेक्षा करी नहीं जाती और पुरूष यदि उसके लिए प्रयास करे तो उसके प्रयासों पर किसी कारण कोई विश्वास नहीं