ममता की परीक्षा - 109

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जूही की आँखों से बहने वाली आँसुओं की धार ने भी अब अपना दम तोड़ दिया था। ऐसा लग रहा था उसके अंदर आँसुओं का तालाब सूख गया हो, लेकिन उसकी दर्द भरी कहानी अभी तक समाप्त नहीं हुई थी। साधना का भी अब धैर्य जवाब देने लगा था। उसकी आँखों ने भी अब बरसना बंद कर दिया था। जूही लगातार अपनी करुण गाथा सुनाती रही। शायद आज वह अपने दिल का गुबार पूरा निकाल देना चाहती थी। इतने साल तक वह तरस गई थी किसी से बात करने के लिए, अपने दिल का हाल बताने के लिए, किसी के