मेरे घर आना ज़िंदगी - 39 (अंतिम भाग)

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(39) अन्नप्राशन की पार्टी बहुत अच्छी तरह से निपट गई थी। सुबह पूजा के बाद तय हुआ था कि आज रात सारा परिवार फ्लैट में ही रहेगा। इसलिए पार्टी के वेन्यू से सब लोग फ्लैट में ही आ गए थे। फर्नीचर नहीं था। इसलिए फर्श पर गद्दे और चादर बिछाकर सोने का इंतज़ाम किया गया था। जब सब लोग फ्लैट में पहुँचे तो रात के बारह बज रहे थे। काशवी सो रही थी। सब लोग बातें कर रहे थे। पापा बहुत खुश थे। उन्होंने कहा,"तुमने पार्टी का इंतज़ाम बहुत अच्छा किया था मकरंद। सब लोग तारीफ कर रहे थे।"मम्मी ने