मेरी मोहोब्बत.. कल खुदाने अपने इश्क का मुझसे जिक्र किया था और तब मेने भी कई नामो से तेरा परिचय दिया था हुआ यु था की वो मुझे वृन्दावन की राह में मिला था मेरी मोहोब्बत के बारे में वो मुझे पूछ रहा था मेने तुजे खुली आँखों से देखता हु वो ख़्वाब कहा था मंदिर का दिप तुजे अली की अजान कहा था कलम हाथ में लेकर मेने तुजे लफ़्ज़ों का कमाल कहा था और फिर मेने तुजे बंजर मेरी बस्ती की छोटी सी बहार कहा था खुदा से मेने तुजे मेरे मासूम जज्बात कहा था और दिलकी