हमने दिल दे दिया - अंक २१

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    तीनो दोस्त ख़ुशी के घर के पीछे की और पहुचते है जहा से पिछली बार ख़ुशी को लेने अंश और अशोक आए हुए थे | ख़ुशी अपने घर की छत से होकर जैसे पहली बार निचे आई थी वैसे ही निचे आती है |     आओ जी पधारो जी ख़ुशी बा आपका हार्दिक स्वागत है ह्रदय से ...ख़ुशी की मजाक करते हुए पराग ने कहा |     आज लगता है इसको किसी ने गुटखा नहीं दी लगती मु खाली लग रहा है ...अंश के पीछे बैठते हुए ख़ुशी ने कहा |     आज कल कुछ ज्यादा ही बोलने