पिता से अनबन की बात बेटा कई बार कर चुका है।उसे लगता है कि इस बात से मैं खुश होऊँगी और कोई ऐसा कदम उठा लूंगी जिससे उसको लाभ होगा।शायद पिता से मिलकर वह इस तरह की साज़िशें रचता है। शुरू से ही वह मेरी हर बात पिता तक पहुँचाता रहा है।यहां तक कि व्हाट्सऐप पर उससे जो भी बातचीत होती है,उसे भी भेज देता है।इसका पता तब चलता है,जब उसका पिता मेरी लाइनों को कोड कर मुझसे गाली -गलौज करता है।मुझे कोसता है।एक बार नहीं कई बार वह ऐसा कर चुका है।मेरे पूछने पर बेटा साफ मुकर जाता है।