हाँ, मैं भागी हुई स्त्री हूँ - (भाग अट्ठारह)

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वक्त बीत रहा है।रिटायर हुए दो साल होने को हैं।नौकरी और जिंदगी दोनों से भागम-भाग खत्म हो चुका है। आय के स्रोत बंद हो चुके हैं पर जरूरी खर्चे ज्यों के त्यों है।रिश्तेदार,भाई -बहन पहले से ज्यादा दूरी बना चुके हैं।छोटा बेटा आयुष तो अब कभी बात ही नहीं करता।यहां तक कि तीज- त्योहारों की बधाई देने पर जवाब भी नहीं देता।मैंने भी अब अपनी तरफ से पहल करना बंद कर दिया है।बड़े बेटे ने मेरी आँख के ऑपरेशन के बाद व्हाट्सऐप किया था कि उसकी अपने पिता से अनबन हो गई है।वे उसके सौतेले भाई की शादी के लिए