हाँ, मैं भागी हुई स्त्री हूँ - (भाग सत्रह)

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आपरेशन के बाद एक सप्ताह मैं बहन के घर रही |इस बीच बहन के पति और बच्चों ने मुझसे कोई मतलब नहीं रखा |बहन की बेटी घर रहकर ही आई ए एस की तैयारी कर रही है और बेटा कालेज में है |मैं किसी काम से उन्हें बुलाती तो वे अनसुना कर देते थे |बहन का पति तो मुझसे बोला तक नहीं |दरअसल इसमें उनका कोई दोष नहीं था |बहन पति और बच्चों के सामने ही सबकी अच्छाई –बुराई का बखान करती रही है |इसी कारण उनके मन में सबके प्रति वही भाव है ,जो बहन के मन में है|ये