अनिशा बाथरूम में शीशे के सामने खड़ी होकर अपने चेहरे को ही देखे जा रही थी. उसके चेहरे पर डर और परेशानी के भाव स्पष्ट देखे जा सकते थे. उसका दिल जोरो से धड़क रहा था. उसके एक हाथ में एक प्रेगनेंसी कार्ड था तो दूसरे हाथ में प्लास्टिक के मग में अभी अभी ली हुई उसी की पेशाब थी. बस दो बूंदे उस कार्ड के सफेद वाले छेद में डालनी थी और देखना था कि कार्ड के दूसरे सिरे पर बने खाचे में बनी दो सफेद पट्टियां लाल होती है या नहीं. अनिशा की परेशानी ये थी