निष्प्राण (हिंदी) By अंकित भाष्कर  " हेलो कहाँ रह गए.......? और कितना समय लगेगा.......? " कहते हुए मोबाइल फोन को कान पर लगाए सामने से आनेवाले जवाब का इंतजार करते हुए ' वो ' थोड़ी घुस्से में बात कर रही थी। " बस हो ही गया.... बैग में पानी की बोतल और साथ में माँ के हाथो द्वारा बनाया कुछ खाने के लिए लेना रह गया था। " सामने से जवाब आते ही ' वो ' आगे बोलने लगी " जल्दी करो.... ११:३० को आखरी बस हैं वह छूट न जाए इसका ध्यान