खाली कमरा - भाग ५  

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ऐशो आराम से पली हुई खुशबू अपनी ससुराल में कभी किसी काम को हाथ नहीं लगाती। परंतु राधा ख़ुशी-ख़ुशी जैसे पहले काम करती थी वैसे ही अभी भी करती रही। राधा मन ही मन सोचती कि बड़े घर की लड़की है, धीरे-धीरे घुल मिल जाएगी, समय तो लगेगा ही। राधा नहीं जानती थी कि खुशबू को तो उससे बात करना ही पसंद नहीं है इसीलिए वह अपने स्वयं के कमरे से ज़्यादा बाहर आती ही नहीं थी। राहुल यह सब देखता किन्तु कभी खुशबू को कुछ नहीं कहता। उसे लगता था माता-पिता तो होते ही हैं काम करने के लिए।