अतुल अपनी ही धुन में गाड़ी चला रहा है । वह खिड़की से देखता है, तो अब उसे रास्ते के दोनों तरफ़ पेड़ और हरियाली नज़र नहीं आते । उसे आबादी दिखनी शुरू हो चुकी हैं । वह जल्द से जल्द अपने माँ-पिता के पास रुड़की पहुँचना चाहता है । एक बार, वो वहाँ पहुँच जायेगा तो उसकी जान में जान आ जाएगी । फ़िर तीन बाद तो रिजल्ट आने ही वाला है, उसके बाद उसकी ज़िन्दगी का नया सफ़र शुरू हो जायेगा । काश ! विशाल, रिया, शुभु और यश सब साथ होते तो ज़िन्दगी का मज़ा ही कुछ और