कहानी प्यार कि - 47

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सौरभ अपने कमरे में बैठा मीरा के बारे में सोच रहा था... मीरा कई दिनों से अपने नाना नानी के घर अहमदाबाद गई थी इस वजह से सौरभ मीरा से मिल नही पाया था और मीरा से ज्यादा बात भी नही हो रही थी....आज संजना और अनिरुद्ध का प्यार देखकर उसे मीरा की याद आ रही थी....तभी बाहर हल्की हल्की बारिश शुरू हो गई... खिड़की से ठंडी हवा सौरभ के बदन को छू रही थी.... सौरभ ने अपना कबाट खोला और अपने कॉलेज के दिनों वाला गिटार निकाला... गिटार को देखकर उसे अपने कॉलेज के दिनों की याद आ गई...