भाग - 4 मुल्ला नसरुद्दीन और गरीब का झोला एक दिन मुल्ला कहीं जा रहा था कि उसने सड़क पर एक दुखी आदमी को देखा जो ऊपरवाले को अपने खोटे नसीब के लिए कोस रहा था. मुल्ला ने उसके करीब जाकर उससे पूछा — ”क्यों भाई, इतने दुखी क्यों हो?“ वह आदमी मुल्ला को अपना फटा—पुराना झोला दिखाते हुए बोला — ”इस द्नुनिया में मेरे पास इतना कुछ भी नहीं है जो मेरे इस फटे—पुराने झोले में समा जाये.“ ”बहुत बुरी बात है“ — मुल्ला बोला और उस आदमी के हाथ से झोला झपटकर सरपट भाग लिया. अपना एकमात्र माल—असबाब