(34)खाना बनाने के बाद नंदिता ने एक टिफिन में भरकर कोफ्ते कुक के हाथ नीचे भिजवा दिए थे। वह अब बेसब्री से मकरंद के आने की राह देख रही थी। आज मकरंद को लौटने में रोज़ से बहुत अधिक देर हो गई थी। नंदिता ने उसे फोन किया था तो उसने मैसेज करके कह दिया था कि ज़रूरी काम है इसलिए आने में देर हो जाएगी। नंदिता बालकनी में खड़ी थी। उसकी निगाहें गेट पर थीं। उसे मकरंद की बाइक की लाइट दिखाई पड़ी। मकरंद ने बाइक गेट पर रोकी। गेट खोलकर बाइक अंदर की। बाइक खड़ी करके गेट बंद