खुशीयों की दिवाली

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आज जब चारों ओर भाग- दौड़ मची हुई है। कैरियर को लेकर कितनी अथक मेहनत करनी पड़ती है। बड़ी मुश्किल से जब हम जब किसी पद प्रतिष्ठा में स्थापित हो पाते है। तब हमारी आकांक्षाए बढ़ जाती है। पहले यही कोई ले -दे के तीन - चार आकांक्षाए होती कि किसी तरह से पूरी हो जाये।सबसे पहले बढ़िया से कोई नौकरी मिल जाये। फिर किसी हसीन कन्या को हम अपनी दिल के द्वार का प्रहरी बना दे। ताकि उसकी इज्जाजत के बगैर कोई पत्ता भी न हिल सके। फिर दो दिलों को सर ढकने के लिए कोई अपनी छत का