दामिनी और अभय का विवाह हिंदु रीति से सम्पन्न हो गया था । रात्रि के 11:00 बज रहे थे । मंदिर में अल्पाहार की व्यवस्था तो थी पर भोजन की व्यवस्था वहा न रखकर दामिनी के घर पर थी । दामिनी के पापा ने अपने समधी से कहा समधी जी अब मुझ गरीब की झोंपड़ी भी देख लीजिए ! .. वही पर हम साथ मे भोजन करेंगे .. सभी दामिनी के घर पहुंच जाते हैं वहां छत पर भोजन की व्यवस्था थी । ठंड अभी गयी नही थी । वहां छत पर ही तापने के लिए बीच में लकड़ियां धू