किंबहुना - 26

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26 जबलपुर पहुँच कर आरती का मन कुछ शांत हुआ। क्योंकि यहाँ आकर ही पता चला कि शीतल के कानूनी सलाहकार द्वारा दिलवाए गए नोटिस से सब डरे हुए थे। अब उसे घेरने के लिए कोई कहीं नहीं जा रहा, और न समाज की कोई पंचायत जुड़ रही थी। उसने हर्ष को भाभी के पास छोड़ा और भागते-दौड़ते ट्रेन पकड़ी। यों अजमेर वह 16 को शाम चार बजे पहुँची, जबकि शीतल सुबह साढ़े तीन बजे ही पहुँच गया था। वहाँ पहुँच कर उसने अजमेर सिटी होटेल में एक शानदार रूम ले लिया था और पर्याप्त विश्राम कर चुका था। अब