मुस्कराते चहरे की हकीकत - 25

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अग्रवाल मेनशन से अवनी सीधा घर आती है लेकिन यहां कोई नहीं था,,, आज अवनी की आंखों से बेहिसाब आंसू बह रहे थे जिन्हें वह बार-बार रोकने की कोशिश कर रही थी लेकिन फिर भी नहीं रोक पा रही थी,,, अवनी अपने कमरे में आकर आईने के सामने खड़ी हो जाती है उदास चेहरा, लाल आंखें आज वह अवनी नहीं थी जो बड़ी से बड़ी प्रॉब्लम में भी मुस्कुराती रहती थी,, उसने खुद को इतना कमजोर कभी महसूस नहीं किया था जितना आज कर रही थी अवनी खुद को आईने में देखकर अपनी आंखें बंद कर लेती है, अवनी की