शादी के पांच साल बादवह दो लड़कियों की माँ बन चुकी थी।पर उसके रंग रूप यौवन में कोई अंतर नही आया था।अब भी वह कुंवारी सी ही लगती थी।शेखर उसे बहु त चाहता,उससे प्यार करता था।पिछले कुछ दिनों से उसके व्यवहार में परिवर्तन आया था।आजकल वह दफ्तर से देर से घर लौटने लगा था।पहले वह छुट्टी के दिन घर से कभी अकेला नही जाता था।लेकिन अब वह जाने लगा था।पति के व्यहार में अचानक आये परिवर्तन पर आशा ने एक दो बार उसे टोका भी था।पर शेखर ने हर बार कोई न कोई बहाना बना दिया था।आशा का ध्यान कभी