संयुक्त परिवार में पली-बढ़ी लता बहुत ही संस्कारी थी। सबकी चहेती थी वह, भगवान ने भी रंग रूप देने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। दादा-दादी, चाचा-चाची, ताऊ-ताई, छह बहन, पाँच भाई इतना बड़ा परिवार था उसका। परिवार में इतनी बेटियाँ होने के कारण शीघ्र ही उनका विवाह कर दिया जाता था। लता भी अब शादी की उम्र में आ चुकी थी, हालांकि अभी वह केवल 19 वर्ष की ही थी किंतु विवाह के लिए अब उसका नंबर आ गया था। अच्छा-सा लड़का व अच्छा परिवार देखकर उसका विवाह कर दिया गया और वह अपने ससुराल आ गई। ससुराल