भाग 5 जॉन एफ पीटर के ननिहाल से माँ के भाई का बेटा अर्थात जॉन का कजिन उस दिन अचानक आ गया। खाना बन चुका था और जी़निया और जॉन एफ दोनों माँ के पास चर्च चले गए थे। अगाथा वैसी ही उनींदी काऊच पर लेटी थी। दरवाजे की खट - खट सुनकर उठी तो सामने किसी अजनबी पुरुष को देखकर वह अपनी ड्रेस ठीक करने लगी। ‘‘तुम अगाथा?’’ अजनबी ने पूछा। ‘‘हाँ! और आप?’’ वह हँसने लगा। ‘‘मैं मैरी जॉन के भाई का बेटा...किम हूँ। किम कूरियन।’’ ‘‘ओह! अंदर आईए।’’ माँ चर्च गईं हैं और वे दोनों भी शायद