रॉबर्ट गिल की पारो - 1

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1 दिसंबर 1849 में रॉबर्ट गिल को डायरेक्टर आॅफ कोर्ट की मुहर लगा लिफाफा मिला। इतने वर्षों बाद उसे मेजर के पद पर पदोन्नत किया गया था। वह 1824 में कैडेट के रूप में लंदन में सेना में भर्ती हुआ था। उसके बाद 44 वीं मद्रास नेटिव इन्फेंट्री में उसकी पोस्टिंग हुई थी। वह ऐच्छिक नियुक्ति पर इंडिया आ गया था। सितंबर 1826 में वह लेफ्टिनेंट बना।. फिर 6 मई 1840 को कैप्टन। अब वह मेजर के पद पर था और साथ ही विशेष अनुरोध पर रॉबर्ट को अजंता में बौद्ध गुफाओं का एक चित्रमय रिकॉर्ड बनाने के लिए नियुक्त