तूफान की आँख ? कनकलता को आज अखबार में देखा तो भूगोल में दी गई तूफान की तस्वीर और व्याख्या याद हो आई : ’प्रत्येक तूफान का एक केंद्र होता है जो आँख की शक्ल लिए रहता है। प्रचंड हवाओं के अंधड़ और मूसलाधार बादलों के झक्कड़ दो सौ मील प्रति घंटे की तेज, सर्पिल गति से उस आँख के गिर्द परिक्रमा तो करते हैं लेकिन उसमें प्रवेश नहीं कर पाते। आँख शांत रहती है, सूखी रहती है.....’ इसी दिसंबर के पिछले सप्ताह हरीश पाठक उसे मेरे क्लिनिक पर लाया था, ’हर फादर्स डेथ हैज डिमेन्टिड हर (इसके पिता की