“अजय मुझसे तुमसे कुछ बात करनी है। फ्री हो तो बताओ।" रिया अजय के सामने खडी थी। "जी बोलिए, क्या बात है।" अजय ने इतमीनान से पुछा।"यहाँ नहीं कैफेटेरिया चलो।" रिया ने कहा तो अजय ने जवाब दिया "चलिए"। और वो अपनी जगह से उठा गया। कुछ देर बाद दोनो कैफेटेरिया मैं बैठे थे। रिया बोली “देखो, मुझे ऑफिस के किसी काम का आइडिया नहीं है। ऊपर से पापा ने मुझे प्रोजेक्ट मैं तुम लोगों के साथ काम करने को बोल दिया है। मैं चाहती हूं की तुम मुझे थोड़ा बहुत समझा दो काम के बारे में।” "हम्म, वो तो